Thari Mhari Preet Hai Purani Song Lyrics
थारी म्हारी म्हारी थारी प्रीत है पुरांणी, म्हारा छैल चटकारै घर आ
म्हारलै गलै की आंण, पून फटकारै कैई जा
थारी म्हारी म्हारी थारी प्रीत है पुरांणी |
रतन सियाळो सर पर आयो, ठरगी काया कामणी
साँझ-संवारै मोसा बोलै, पड़ोसी की भामणी
सेज सिसकारै सूनी अँखियां निहारै, आतौ रेसमी रजाई भरल्या
म्हारलै गलै की आंण, पून फटकारै कैई जा |
चाँद सरीखौ मुखड़ौ वांरौ, फूल कँवल सी आँखड़ी
रुळतौ रूप निहार न ढोला, प्रेम गळी हद सांकड़ी
मदन दुआरै बाण कस-कस मारै, म्हारी प्रीत है कुंआरी वरज्या
म्हारलै गलै की आंण, पून फटकारै कैई जा |
देह दुहागण थर-थर काँपै, पाळो जैम ग्यो पोह मं
स्यांम सुहागण क्यूं बिसराई, दो दमड़ी कै मोह मं
काया कोनी सारै थारी याद विस्तारै, बैरी एक बार मेला करज्या
म्हारलै गलै की आंण, पून फटकारै कैई जा |
थारी म्हारी म्हारी थारी प्रीत है पुरांणी, म्हारा छैल चटकारै घर आ
म्हारलै गलै की आंण, पून फटकारै कैई जा |